जिससे मोहब्बत की जाये

No comments:
जिससे मोहब्बत की जाये उसके बारे में ज़्यादा सोचना नहीं चाहिए । कियुकि....सोच शक को जन्म देती है, और शक मोहब्बत को ख़त्म कर देती है!!

आज उसने एक बात कहके

No comments:
आज उसने एक बात कहके मुझे रुला दिया, जब दर्द बर्दास्त नहीं कर सकते तो मोहबत क्यों की ?

आहिस्ता चल ज़िन्दगी

No comments:
आहिस्ता चल ज़िन्दगी, अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है,
कुछ दर्द मिटाना बाकी है, कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है;
रफ्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए, कुछ छूट गए ;
रूठों को मनाना बाकी है, रोतो को हसाना बाकी है ;
कुछ हसरतें अभी अधूरी है, कुछ काम भी और ज़रूरी है ;
ख्वाइशें जो घुट गयी इस दिल में, उनको दफनाना अभी बाकी है ;
कुछ रिश्ते बनके टूट गए, कुछ जुड़ते जुड़ते छूट गए;
उन टूटे-छूटे रिश्तों के ज़ख्मों को मिटाना बाकी है ;
तू आगे चल मैं आता हूँ, क्या छोड़ तुझे जी पाऊंगा ?
इन साँसों पर हक है जिनका , उनको समझाना बाकी है ;
आहिस्ता चल जिंदगी , अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है ।

न जाने क्या मासूमियत है

No comments:
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर . . . तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है...!

नयी सदी से मिल रही

1 comment:
नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!
बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!
अब तो अपना खून भी, करने लगा कमाल!
बोझ समझ माँ-बाप को, घर से रहा निकाल!!
पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ
लाज!
कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!
भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!
बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!
मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश!
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!
बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान!
पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!
पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग!
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!
फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर!
पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर!
पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!
भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप!!